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मा हसन्तु....

एकदा कापि प्रेमिका प्रियेण सह कस्यचित् ज्योतिषाचार्यस्य पार्श्वं गतवती।तदा ज्योतिषाचार्येण पृष्टम्-" किं भवती प्रियस्य एतस्य भविष्यं ज्ञातुम् इच्छति?" इति। तदा तया तरून्या उक्तम्-"एतस्य भविष्यं तु मम हस्ते एव अस्ति। अतःकिं तस्य ज्ञानार्थं प्रयत्नेन ? एतस्य भूतकालिकं सर्वं वदतु । तदह्ं ज्ञातुम् इच्छामि" इति ।

Comments

tadaa jyotiShaachaaryaH avadat-
b...b...bhooooot... bhaago
Anonymous said…
vastutah jyotishacharyah kimapi na janati . sah dhongi asti.......................par tumhe kaise pata chala kya picha kar rahe the?
Gajendra said…
बहुसम्यक्, अहं भविष्यं ज्ञातुम इच्छां करिष्यामि, किम् कारणेन। बहु सम्यक।

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